Hari Krishna pingua love story
दोस्तों ,मैं शुरू नाम की लड़की से बहुत प्यार करता था |पहली मुलाकात में ही मेरे दिलों दिमाग मे आप चॉद और मैं तुम्हारा सितारा होता,आसमान में एक आशियाना हम दोंनो का होता,लोग तुमको दूर से देखते,नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता|
मैं उसके मुकाबले में कुछ नहीं था| वो मेरे से बहुत सुंदर थी,और उसके Boy friend भी मेरे से अच्छा वाला था|तब मैंने सोचा की पता नही हाथ आयेगी कि नहीं |मैं उसको छोड़ने के हल में भी नहीं था |
एक हिम्मत करके उसके घर गया और उससे बात करने करने कोशिश कि, पर वो मेरे तरफ ध्यान ही नहीं दिया , दिल बहुत उदास हुआ |उसके गाँव से वो ही सुन्दर थी |
मन ही मन में कैसे होगा सोचतेे ही सोचते सप्ताह बीत गया|अगले दिन से उसके सामने मैं आता तो था ,लेकिन उसके तरह देखता भी नही था उसको मैं देख कर भी अनदेखा कर का था |वो मुझसे बात करना चाहता लेकिन मैं बात नहीं करता था कोई भी लड़का उसको देख कर परफोज करने की कोशिश करता था |इसलिए मैं उसको देख भी अनदेखा करता था|
हर रोज ऐसा ही करते -करते एक माह बीत गया |एक दिनमैं उसके सामने से गुजर रह था उसने मुझसे हेलो कह रहा था ,मैं उसको अनदेखा करके जा रह था ,फिर उसने मेरा हाथ में पकड़ के कहा सबसे बात करते हो मुझसे क्यों नहीं |
मैं ने कहा छोड़ दो मुझे काम है |फिर वो बोली नही जब तक नहीं बताओगे की हमसे बात क्यो नहीं करते हो, तब तक छोड़ोगी नही ,और उसने कहा इतना क्यों तड़पाते हो आई लव यू मैं ने कहा चल जुटी ,उसने कहा ,सच्ची मैं तुमसे बहुत प्यार करती हुं |
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My son |
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