Hari krishna Pingua history
Hari krishna Pingua
मैं हरिकृष्णा पिंगुवा,
पिता- श्री ओएबन पिंगुवा,
माता - जिंगी कुई
जन्म तिथि-10-08-1993
गाँव-ईपिलसिंगी,पो-खेङियाटंगर,थाना- मंझारी,जिला-पश्चिमी सिंहभूम( झारखंड)है ।
मैं फुटबॉल,क्रिकेटे, कब्बङी ,कराटे और लिखना-पढ़ना पसंद करता हुँ ।
इस दुनिया में संघर्ष और सिखना ही जिंदगी है ।पिताजी हमेशा कहते है कि जो मनुष्य अपने जीवन में संघर्ष नहीं करता हैं वो उसके जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर पाता हैं ।संघर्ष करने से अपने सापने और इच्छाएं पुरी होते हैं ।
मेरे जीवन में हमें सफलता के लिए संघर्ष करना पड़ता है और संघर्ष के लिए कड़ी मेहनत अनिवार्य है। कड़ी मेहनत के बिना, बस भाग्य के सहारे बेकार बैठकर, सफलता प्राप्त करना नामुमकिन हैं। बचपन से ही मेरे माता-पिता कहते थे कि “जीवन में बेहतर व्यक्ति बनने के लिए और सफलता पाने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी है, कड़ी मेहनत का परिणाम हमेशा फायदेमंद होता है, कड़ी मेहनत कभी भी व्यर्थ नहीं होती है, इसलिए परिश्रम करो”। सच यही हैं की एक परिश्रमी व्यक्ति ही सफलता प्राप्त करता हैं. जो व्यक्ति भाग्य के भरोसे बैठ जाता हैं उन्हें कभी भी सफलता का सुख प्राप्त नहीं होता। इसलिये मेहनत से कभी भी मत डरो क्यूंकि “परिश्रम ही सफलता की कुंजी है”.
दादाजी,(मेरे मां का पिताजी)
मेरे दादाजी एक बहुत अच्छा और सबसे प्यार करने वाले के तरह के थे ।न किसी को गलत सलाह,न ही किसी को बुरा ब्यवहार करता था।
हमेशा हमसे कहा करता था कि किसी भी गलत काम नहीं करना, जो कि बाद में पच्छताना पङे ।जो भी काम सोच समझ कर करना।
न काभी लालच ,न किसी का नुकसान,किसी का बुरा मत सोचना ।सबसे अच्छा ब्यवहार करना ।
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